यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना में शोधकर्ताओं ने नई खोज JWST के माध्यम से की है। इससे ब्रह्मांड के विकास के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, शोधकर्ताओं की टीम ने अमेरिकन एस्ट्रॉनॉमिकल सोसाइटी की 242वीं मीटिंग में खुलासा किया कि उन्होंने कुछ ऐसी आकाशगंगा पहचानी हैं जो ब्रह्मांड की शुरुआत में मौजूद थीं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये उस समय की आकाशगंगाएं हैं जब ब्रह्मांड अपने वर्तमान विकास का सिर्फ 4% ही विकसित हुआ था। यह उस समय सिर्फ 60 करोड़ साल पुराना था।
यह खोज जेम्स वेब टेलीस्कोप से जुड़े प्रोग्राम JWST एडवांस्ड डीप एक्स्ट्रागैलेक्टिक सर्वे (JADES) का हिस्सा है। खोज से जुड़ीं वैज्ञानिक Marcia Rieke के अनुसार, वे लोग जानना चाहते थे कि सबसे पुरानी आकाशगंगाओं ने कैसे अपने तारों को इकट्ठा किया। उनका विस्तार कैसे हुआ। ये तारे कितनी तेज गति से बने, और फिर कुछ आकाशगंगाओं ने तारों को बनाना बंद क्यों कर दिया? इन सभी सवालों के जवाब वैज्ञानिक ढूंढ रहे थे।
टीम को इस दौरान 50 करोड़ से 85 करोड़ साल पुरानी गैलेक्सी मिली हैं, जो बिग बैंग के बाद बनीं। इस काल को रीआयनीकरण का युग (Epoch of Reionization) कहा गया है। यह ऐसा वक्त था जब पूरा ब्रह्मांड एक गैस का गुबार था। इसमें कुछ भी बाहर नहीं आ सकता था, यहां तक कि अल्ट्रावायलेट और एक्स-रे भी नहीं। खगोल वैज्ञानिकों को इस खोज के दौरान 717 युवा गैलेक्सी पता चली हैं। ये हजारों प्रकाशवर्ष की दूरी पर फैली हैं। इनसे पता चलता है कि ब्रह्मांड कितनी तेजी से विकसित हुआ है। 717 से कैसे ये 45 हजार बन गईं, वैज्ञानिकों ने ऐसे ही सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश की है।
वैज्ञानिकों का कहना है बिग बैंग के बाद तेजी से गैलेक्सी में तारों का जमावड़ा होना शुरू हुआ। इसके बाद बहुत तेजी से नए तारे बनने लगे और आकाशगंगाओं का विस्तार होता चला गया। लेकिन बीच में कुछ गैलेक्सी ने तारों को बनाना बंद कर दिया। लेकिन कुल मिलाकर ब्रह्मांड बहुत तेजी से विकसित हुआ है।
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