आने वाले दिनों में एक और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) पृथ्वी से टकरा सकता है और हमारे ग्रह पर भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic storm soon) शुरू कर सकता है। स्पेसवेदरडॉटकॉम ने बताया है कि यह सीएमई 9 जून को सूर्य से निकला था। अंतरिक्ष का सफर करते हुए यह पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। अगर यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ टकराता है तो हमारे ग्रह पर G1 कैटिगरी का भू-चुंबकीय तूफान आ सकता है। कल यानी 13 जून को यह तूफान पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है।
अच्छी बात यह है कि भू-चुंबकीय तूफान इंसानों को सीधे तौर पर प्रभावित नहीं करते। मसलन- हमें जान-माल के नुकसान का खतरा नहीं है। इन तूफानों की वजह से आसमान में ऑरोरा दिखाई देते हैं। ये तूफान सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मोबाइल नेटवर्क और जीपीएस सिस्टम्स पर असर हो सकता है। तीव्रता अधिक होने पर ऐसे तूफान पावर ग्रिडों को फेल कर सकते हैं।
सूर्य में हो रही हलचलों का पता लगाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के सैटेलाइट्स दिन-रात काम करते हैं। उन्हीं में से एक है SOHO जिसका पूरा नाम है- सोलर एंड हेलिओस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी। इस सैटेलाइट को नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने मिलकर तैयार किया है, जो साल 1995 से सूर्य पर नजर रख रहा है। इस सैटेलाइट ने कई बड़े सौर तूफानों से जुड़ीं सूचनाएं पृथ्वी तक पहुंचाई हैं।