नासा जेपीएल के अनुसार, (1994 XD) जब पृथ्वी के करीब आएगा, तब दोनों के बीच दूरी सिमटकर 31 लाख 60 हजार किलोमीटर रह जाएगी। अभी यह एस्टरॉयड 77 हजार 301 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा कर रहा है। इस एस्टरॉयड के पृथ्वी से टकराने की कोई संभावना अबतक नहीं है। लेकिन जितना बड़ा इसका आकार है, वह चिंता का कारण बनता है।
यह एस्टरॉयड 100 साल से भी ज्यादा समय से धरती के करीब आ रहा है। साल 1904 में यह सिर्फ 25 लाख किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी से होकर गुजरा था। साल 2012 में भी यह पृथ्वी के करीब आया था। एक बार फिर से (1994 XD) ने वैज्ञानिकों को उसे मॉनिटर करने को मजबूर किया है।
वैज्ञानिक इस एस्टरॉयड पर तब तक नजर बनाए रखेंगे, जबतक यह हमारे ग्रह से बहुत दूर नहीं चला जाता। यह एस्टरॉयड्स के अपोलो ग्रुप से ताल्लुक रखता है। इस ग्रुप के एस्टरॉयड अर्थ-क्रॉसर्स के रूप में जाने जाते हैं। अगर कोई एस्टरॉयड अपनी दिशा बदल ले और पृथ्वी से टकरा जाए, तो बड़ी तबाही मचा सकता है। करोड़ों साल पहले हमारी धरती से डायनासोरों का खात्मा भी एक एस्टरॉयड की टक्कर के बाद मचे विनाश के कारण हुआ था।
एस्टरॉयड्स को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।