आईआईटी मद्रास ने एक प्रेस स्टेटमेंट में कहा है कि इलेक्ट्रिक फॉर्मूला कार RFR 23 को पूरी तरह से ‘टीम रफ्तार’ के छात्रों ने बनाया है, जिसमें एक साल का समय लगा है। इस दौरान टीम ने डिजाइन, मैन्युफेक्चरिंग और टेस्टिंग का काम पूरा किया है। टीम का कहना है कि उनकी इलेक्ट्रिक फॉर्मुला कार पारंपरिक इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) मॉडल्स की तुलना में ज्यादा बेहतर स्पीड और लैप टाइम्स दिखा सकती है।
टीम रफ्तार में विभिन्न विषयों के 45 छात्र शामिल हैं और यह आईआईटी मद्रास में सेंटर फॉर इनोवेशन (CFI) की प्रतियोगिता टीमों में से एक है। स्टेटमेंट में कहा गया है कि “टीम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने, उद्योग-मानक इंजीनियरिंग प्रथाओं को बढ़ावा देने और इंजीनियरिंग छात्रों के बीच वास्तविक दुनिया की तकनीकी विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तत्पर है।”
टीम का दावा है कि RFR 23 इलेक्ट्रिक फॉर्मुला कार 0-100 kmph की रफ्तार मात्र 4 सेकंड में पकड़ सकती है। क्योंकि लोगों को इलेक्ट्रिक कार में आग लगने का डर सबसे ज्यादा रहता है, तो टीम ने इसके लिए एक खास कस्टम बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया है। यह भी कहा गया है कि टीम ने इसमें कई कस्टम मेड पार्ट्स का इस्तेमाल किया है, जिसमें ECU भी शामिल है। वहीं, सेफ्टी फीचर्स का ध्यान भी रखा गया है।
‘RF23’ को पेश करने के बाद, प्रोफेसर वी कामकोटि, निदेशक, IIT मद्रास ने कहा, “स्थायी परिवहन की ओर बढ़ने के वैश्विक रुझान के अनुरूप ICE से इलेक्ट्रिक वाहन में बदलाव उतना ही प्रबल था जितना जरूरी था। वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है, इस क्षेत्र में विकास और तकनीकी उन्नति की संभावना बहुत बड़ी है। टीम रफ्तार का लक्ष्य दुनिया में सर्वश्रेष्ठ फॉर्मूला छात्र टीम बनना है। यह निरंतर नवाचार और सतत तकनीकी उन्नति के साथ देश में फॉर्मूला स्टूडेंट कल्चर को बढ़ावा देने का इरादा रखता है।”
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