आनंद महिंद्रा ने सोमवार को ट्विटर पर Sapien Labs और Krea Universiry, AP द्वारा किए गए शोध को शेयर किया। उन्होंने अपने फॉलोअर्स से बच्चों द्वारा जरूरत से ज्यादा स्मार्टफोन के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान से आगाह कराया और उन्हें स्टडी को पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, (अनुवादित) “”अविश्वसनीय रूप से परेशान करने वाला। सेपियन लैब्स और क्री यूनिवर्सिटी, एपी द्वारा किए जा रहे शोध से पता चलता है कि जिस उम्र में एक बच्चा पहली बार स्मार्टफोन का मालिक होता है, वह वयस्कता में उनकी मानसिक भलाई को प्रभावित करता है। मैं माता-पिता से सावधानी और संयम बरतने का आग्रह करने वाले कई अन्य लोगों में शामिल हूं।”
Incredibly disturbing. Research being conducted by Sapien Labs and Krea University, AP, shows that the age at which a child first owns a smartphone affects their mental well-being in adulthood. I join many others in urging parents to exercise caution & restraint.… pic.twitter.com/VUThRA06Fe
— anand mahindra (@anandmahindra) May 15, 2023
ग्लोबल माइंड प्रोजेक्ट द्वारा की गई इस ग्लोबल स्टडी के डेटा का उपयोग करते हुए पता लगाया गया कि जिस उम्र में बच्चे को स्मार्टफोन या टैबलेट दी जाती है, वहां से उम्र बढ़ने के साथ व्यस्कता तक पहुंचते हुए उसकी मानसिक हेल्थ पर कैसा प्रभाव पड़ता है।
इस सर्वे में 18 से 24 वर्ष की उम्र के 27,969 लोगों को शामिल किया गया और इसे जनवरी और अप्रैल 2023 के बीच किया गया था। स्टडी में हिस्सा लेने वालों के मानसिक स्वास्थ्य भागफल (MHQ) स्कोर की रिपोर्ट तैयार की गई और उस उम्र के साथ तुलना की गई थी, जब उन्होंने अपना पहला स्मार्टफोन या टैबलेट प्राप्त किया था।
इससे पता चला कि जिन लोगों को देर में स्मार्टफोन प्राप्त हुआ, बढ़ती उम्र के साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य में लगातार सुधार हुआ और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक महत्वपूर्ण सुधार देखा गया। वहीं, जिन्हें पहले स्मार्टफोन मिल गया, उनके अंदर उम्र बढ़ने के साथ आत्मघाती विचारों, आक्रामकता, वास्तविकता से अलग होने और मतिभ्रम जैसी समस्याओं के साथ मानसिक स्वास्थय में गिरावट हुई।
कुल मिलाकर इससे पता चला कि कम उम्र में स्मार्टफोन लेना, खासकर 10 साल की उम्र से पहले, महिलाओं के बीच चिकित्सकीय रूप से खराब मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा था। जबकि पुरुषों के बीच प्रवृत्ति कम स्पष्ट थी, फिर भी उन्होंने बड़ी उम्र में स्मार्टफोन स्वामित्व के साथ बेहतर मानसिक स्वास्थ्य को दर्शाया।