जानकारी के अनुसार, एस्टरॉयड ‘2022 UV20′ की रफ्तार 30 हजार 303 किलोमीटर प्रति घंटा है। 64 फुट की स्पेस रॉक जब हमारे ग्रह के नजदीक पहुंचेगी, तब दोनों के बीच दूरी महज 29 लाख किलोमीटर रह जाएगी। हालांकि यह एस्टरॉयड हमारे लिए किसी तरह का खतरा नहीं बनने वाला, फिर भी इसे ‘संभावित रूप से खतरनाक’ की कैटिगरी में रखा गया है। इसकी वजह दूरी है। यह हमारे ग्रह के काफी नजदीक से गुजर रहा है।
हालांकि वैज्ञानिक इसे तब तक मॉनिटर करते रहेंगे, जब तक यह पृथ्वी से बहुत दूर नहीं चल जाता। ऐसा इसलिए क्योंकि एस्टरॉयड की दिशा में होने वाला बदलाव इसे पृथ्वी की ओर ला सकता है। एस्टरॉयड अगर पृथ्वी से टकरा जाए, तो धरती पर बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। माना जाता है कि करोड़ों साल पहले हमारी धरती से डायनासोरों का विनाश भी एक एस्टरॉयड के टकराने के कारण हुआ था।
एस्टरॉयड को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं। आज जो एस्टरॉयड पृथ्वी के नजदीक से गुजरने वाला है, उसकी खोज इसी साल हुई है। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से जो चट्टानी अवशेष बचे रहे गए, वही एस्टरॉयड हैं।
ज्यादातर एस्टरॉयड एक मुख्य एस्टरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अबतक खोजे गए सभी एस्टरॉयड का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के चंद्रमा से कम है।