केरल विधानसभा के अध्यक्ष ए एन शमसीर का विरोध किया जा रहा है। ए एन शमसीर ने हाल ही में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां की है जिसका हर तरफ विरोध हो रहा है। इस मामले में विपक्ष ने कहा कि उनकी टिप्पणियां स्वीकार नहीं की जाएगी।
केरल के विधानसभा अध्यक्ष इन दिनों विपक्ष के निशाने पर आ गए है। उनके केरल विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर के खिलाफ भारी विरोध किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर ने हिंदू देवताओं के खिलाफ टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी को लेकर उन्हें अब विरोध का शिकार होना पड़ रहा है।
नायर सर्विस सोसाइटी ने किया विरोध
उनकी इस टिप्पणी का नायर समुदाय ने भी विरोध किया है। केरल केरल में नायर समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) ने सोमवार को केरल के विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर की हिंदू देवता पर की गई कथित विवादास्पद टिप्पणी की निंदा की है। उन्होंने मांग की है कि ए एन शमसीर को उनके हुए पद से उनके इस्तीफे की मांग की। एक बयान में शमसीर से माफी की मांग करते हुए संगठन के महासचिव जी सुकुमारन नायर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने ये टिप्पणी चाहे वह किसी भी परिस्थिति या संदर्भ में दी है वो निंदनीय है। संगठन ने कहा कि हर धर्म की अपनी मान्यता होती है। धार्मिक कमेंट करने वालों और धार्मिक विवाद फैलाने वालों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
हाल ही में एर्नाकुलम जिले के एक स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, शमसीर ने कथित तौर पर केंद्र सरकार पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियों के बजाय बच्चों को हिंदू मिथक सिखाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) जैसे संगठनों ने पहले ही शमसीर के खिलाफ एक जोरदार अभियान शुरू कर दिया है।
संगठनों ने कहा है कि वे भगवान गणेश और पौराणिक पुष्पक विमान के बारे में विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणियों से नाराज हैं। एनएसएस ने एक बयान में कहा, प्रत्येक धर्म की अपनी मान्यताएं होती हैं। किसी को भी इस पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है। धार्मिक विवाद फैलाने के किसी भी कदम को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। नायर ने बताया कि शमशीर विधानसभा अध्यक्ष के पद पर बने रहने योग्य नहीं हैं।
सीपीआईएम के नेता एके बालन ने भी इस मामले पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ परिवार ने जो कहा वो उसे समझे बिना ही सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा किया जा रहा है। उन्होंने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कोई काम नहीं किया है ना ही कोई विवादास्पद टिप्पणी की है।